कलम

ये कलम थोड़ा ठहर ज़रा
तेरे और मेरे हाथो का इम्तेहान आया है ।
कहीं उनको दर्द ना हो
तेरी नोक के नीचे उनका नाम आया है ।

ये कलम थोड़ा ठहर ज़रा
तेरे और मेरे हाथो का इम्तेहान आया है ।
कहीं उनके नाम में दाग ना लगे 
तेरी नोक के नीचे उनका नाम आया है ।